लूट शुरु/छपरा:सामुदायिक किचेन के नाम पर फर्जीवाड़ा जाली अंगूठा निशान लगा बनाते है सैकड़ों की उपस्थिति
सामुदायिक किचेन के नाम पर फर्जीवाड़ा
जाली अंगूठा निशान लगा बनाते है सैकड़ों की उपस्थिति
कोरोना महामारी को लेकर जरुरतमंद लोगों को भोजन कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा मढ़ौरा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में शुरू किया गया सामुदायिक किचेन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। सामुदायिक किचेन में खाने के लिए कोई नहीं पहुंच रहा है लेकिन दर्जनों लोगों का फर्जी हस्ताक्षर किया जा रहा है और सरकारी राशि की बंदरबांट की साजिश रची जा रही है। यह सामुदायिक किचेन दिन के बारह बजे ही बंद हो जाती है। दोपहर बारह बजे ताला बंद करते हुए सेंटर पर मौजूद रसोइया का यह जवाब होता है कि लोग आते नहीं हैं। उन्हें जिस वेंडर ने काम पर रखा है उसने कहा है कि जब लोग नही हों तो आप लोग ताला बंद कर लेना । इधर सेंटर पर मौजूद रजिस्टर में सैकड़ों लोगों के खाना खाने का नाम पता दर्ज कर लिया गया है। हद तो यह है कि रजिस्टर में दर्ज 12 से 16 वर्ष की लड़कियों के नाम पता में उनसे हस्ताक्षर नही कराकर अंगुठा का निशान लगाया गया है। निश्चित रुप से यह फर्जीवारा को दर्शाता है ।जिला की सूची में मढ़ौरा में संचालित सामुदायिक किचन सेंटर सरकारी आईटीआई में संचालित है। लेकिन इसे राजकीय पोलिटेक्निक में संचालित किया जा रहा है। राजकीय पॉलिटेक्निक में सामुदायिक किचन चलने की जानकारी प्रायः लोगों तक नही है। बाजार से काफी दूर होने की वजह से जरुरतमंद लोग यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस सामुदायिक किचन को चलाने का काम पहले से डिफाल्टर रहे वेंडर विनोद कुमार को ही फिर से दिया गया है । बिनोद कुमार नामक वेंडर पर प्रखंड कार्यालय का सोलह लाख रुपये नही लौटाने का आरोप है। इसको लेकर बीडीओ ने एसडीओ से लेकर डीएम तक पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी थी। पिछले विधानसभा कार्य में प्रखंड ने बिनोद कुमार को ही चुनाव कार्य में सहयोग के लिए वेंडर बनाया था। तब विनोद कुमार ने प्रखंड कार्यलाय को झांसे में रखकर काम से अधिक 16 लाख अधिक एडवांस में ले ली थी। इस राशि को प्रखंड द्वारा लगातार पत्राचार के बाद भी लौटाया नही है। फिर भी उसे ही भेंडर बनाकर सरकारी राशि के बंदरबांट की साजिश रची गई है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।